Hindi Poetry

ज़िंदगी के रंग

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मिट्टी का इक कण
आँखों में धूल
मन्दिर में फूल
पानी की इक बूँद
माथे पे पसीना
मरते हुए का जीना
हवा का इक झौंका
किसी को करार
किसी को फटकार
पृथ्वी का इक कोना
किसी का घर
किसी की कब्र
आकाश का इक छोर
पतंग की डोर
चीलों की होड़
ज़िंदगी बदलती रंग
कह लो गिरगिट या
झूमो इंद्रधनुष संग !!
Anupama

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