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Yeh Kaali Kaali Ankhen, Netflix Series

Yeh kaali kaali ankhen, netflix पर latest series है। एक छोटे से कस्बे में बड़ा रुतबा रखने वाले नेता अवस्थी की इकलौती बेटी को विक्रांत चौहान से पहली नज़र में प्यार हो जाता है। अब जिस तरह का माहौल, उसी तरह की समझ! सो प्यार का मतलब येन केन प्रकारेण से हासिल करना।

हालांकि लड़कियों के साथ यह ज़बरदस्ती बहुत वक्त से होती है और पलक भी नहीं झपकती। बड़े घर से आए रिश्ते को परिवार सिर आंखों पर बिठाता है, बिना किसी हील हुज्जत के। एक कड़वा सच है हमारे समाज का, कि बस शादी होनी ज़रूरी है, अमृत पड़ जाता है रिश्ते में! प्यार तो बेशर्मी और जवानी का जुनून है, ठंडा पड़ ही जायेगा।

कुछ ऐसी ही सोच इस सीरीज़ में भी झलकती है, अंतर इतना कि इसमें लड़के की इच्छाओं का गला घोटा जाता है। बेचारा विक्रांत बंदूक और पैसे के सामने इतना मजबूर नज़र आता है कि मन भर आये। और फिर शुरु होते हैं कहानी में ट्विस्ट, वो भी इतने सारे, जितने पहाड़ियों में घुमाव!

ज़्यादा लिखूंगी तो देखने का मज़ा खत्म हो जायेगा, सो कहानी के बारे में और नहीं बताऊंगी। बहुत ही fast paced series है। हिंसा और गाली-गलौज का अतिरेक भी है। और कहीं कहीं दहशत भी हुई कि इतनी सस्ती होती है जान! पर होती है, कबूतर की तरह आंखें मूंदकर जीना आसान है, विरोध मुश्किल! चौहान परिवार भी इसी तरह जीता दिखायी दिया। हालांकि इसके बाद जो रास्ता विक्रांत ने चुना, वह नितांत गलत, सो होता भी वही है। फिसलन शुरु होती है तो थमने का नाम ही नहीं लेती।

जैसा कि पहले लिखा, कहानी की गति तेज़ है, आपको ज़्यादा सोचने का मौका डायरेक्टर ने नहीं दिया है। परिस्थितिजन्य हास्य भी बहुतायत में है और फूहड़ डायलॉग भी। हिंसा और प्रतिशोध को आम दिखाया गया है। पर फिर भी कहूँगी कि इसे देखते हुए रुकना मुश्किल लगता है। अपील है स्टोरी में, एडिटिंग और डायरेक्शन भी चुस्त-दुरूस्त। बहुत परहेज न बरतते हों, तो सीरीज़ वासेपुर से थोड़ी कम ही खतरनाक है। अनुपमा सरकार

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