Translations

Translated Poems of Christopher Poindexter

1. मैं आश्वस्त हूँ कि हम, किसी तरह
अपने अंदर तारों को समेटे हुए हैं
हालाँकि ये मूर्खता है,
नितांत पागलपन
पर सोचो इसका सौंदर्य ?
हम चमक उठते हैं हर उस पल
जब हम प्रेम को महसूस करते हैं
और हम क्षीण हो जाते हैं हर उस पल
जब दर्द महसूस करते हैं
ज़रा सोचो उस सोने के बारे में जो
हमारी प्रतीक्षा कर रहा है
खूबसूरत, कठोर प्रतीक्षा उस मौके के लिए
जब हम प्रज्वलित हो पायेंगें !

2. मैं तुम्हारा हूँ
मैं तुम्हारा हूँ जैसे सितारे
आसमान के हैं
और मैं हूँ तुम्हारा जैसे नदियां
सागर की हैं
मैं तुम्हारा हूँ जैसे तुम्हारे आंसू
तुम्हारी आँखों के हैं
और मैं हूँ तुम्हारा वैसे ही जैसे
तुम्हारे फेफड़े प्रतिरूप हैं
तुम्हारी साँसों के !

3. वो यूँ टकटकी लगा देखती सितारों को
जैसे वो तकिया हों उसके मन के लिए
और वो अपना भारी सर उन पर रखकर
विश्राम कर सकती हो ।

4. जीवन का लक्ष्य केवल
प्रसन्न होना नहीं
जीवन का लक्ष्य है,
मेरी प्रियतमा,
महसूस कर पाना
तुम्हे समझना होगा कि
तुम्हारा दर्द
नितांत आवश्यक है ।
Anupama

Leave a Reply