आज रात मैं लिख सकता हूँ सबसे उदास पंक्तियाँ
जैसे कि लिख सकता हूँ “ये रात तारों भरी है और
सितारे नीले रंग के हैं और कहीं दूर कांप से रहे हैं”
रात की हवा आसमान में झूमती है और गाती है।
आज रात मैं लिख सकता हूँ सबसे उदास पंक्तियाँ
मैंने उसे प्यार किया और
कभी-कभी वो भी मुझसे प्यार करती थी
ऐसी ही रातों में मैंने उसे बांहों में समेटा था
इस विस्तृत आकाश-तले उसे बार-बार चूमा था।
उसने मुझे प्यार किया और
कभी-कभी मैं भी उससे प्यार करता था
कैसे कोई प्यार न करता,
उसकी उन बड़ी-बडी़ निश्चल आंखों से।
आज रात मैं लिख सकता हूँ सबसे उदास पंक्तियाँ
ये सोचकर कि वो मेरे पास नहीं है,
ये महसूस करके कि मैं उसे खो चुका हूँ।
और सुन कर इस गहन रात को,
जो उसके बिना और भी असीमित हो गई है
यूँ ढुलक आते हैं, मेरी आत्मा पर गीत, जैसे घास पर ओस।
ये बात मायने नहीं रखती
कि मेरा प्यार उसे रोक न पाया
कि ये रात तारों भरी है और वो मेरे साथ नहीं है।
बस इतना ही। कहीं दूर कोई गा रहा है। कहीं दूर।
मेरी आत्मा संतुष्ट नहीं कि वो उसे खो चुकी है।
मेरी नज़र उसे ढूंढने की कोशिश करती है कि करीब ला सके।
मेरा दिल उसकी बाट जोहता है और वो मेरे साथ नहीं।
वही रात उन्हीं पेड़ोंं को दूधिया करती है
पर, हम जो तब थे, अब वैसे नहीं।
अब मैं उसे प्यार नहीं करता, ये निश्चित है,
पर मैंने उसे किस कदर प्यार किया था।
मैं उस हवा को ढूंढने की कोशिश करता था,
जिससे मेरी आवाज़ उसे छूती थी।
किसी और की। वो किसी और की हो जाएगी।
जैसे वो मेरे चुंबनों से पहले हुआ करती थी।
उसकी आवाज़, उसका दहकता जिस्म।
उसकी अपरिमित आंखें।
अब मैं उसे प्यार नहीं करता, ये निश्चित है,
पर शायद मैं उसे प्यार करता हूँ।
संभोग कितना सीमित, पर उसे विस्मृत करना कितना विस्तृत।
चूंकि ऐसी ही रातों में मैंने उसे अपनी बांहों में लिया था
मेरी आत्मा अतृप्त है कि मैंने उसे गंवा दिया।
हालांकि ये वो आखिरी दर्द है,जो उसने मुझे दिया
और ये वो आखिरी गीत जो मैंने उसके लिए लिखा।
Translated by Anupama Sarkar
Original by Pablo Neruda
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