Hindi Poetry

एक प्याली चाय

उबासी लेता चाँद
बदलियों से
गप्पें लड़ा रहा था
पूस की रात लम्बी थी
और सूरज की तबीयत
कुछ बहकी सी
आज सितारों की महफ़िल
देर तक चलने वाली थी

जवां सर्द हवाएं
कानाफूसी कर रहीं थीं
निशाने पर थी
अलाव सेंकते उस जोड़े के
कंपकंपाते हाथों में
दिलकश अदाएं दिखाती
वो एक प्याली चाय !

अचानक मिठास की डली
धुंए के आगोश में ठुमकती
उस पार चली

चाँद ने हैरां हो
पलकें झपकाईं
सितारों की हंसी
थोड़ी और खिल आई
सर्द हवाओं ने
गर्माहट की पहली चुस्की
होंठों से लगाई

ज़मीं से आसमां का सफर
पल भर में तय करती
वो एक प्याली चाय
जाने कितनों के चेहरे पर
मुस्कुराहट ले आई

सुना है, इश्क़ की तासीर
बड़ी मीठी होती है… अनुपमा सरकार

इस कविता को आप youtube channel मेरे शब्द मेरे साथ पर भी सुन सकते हैं। नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
एक प्याली चाय

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