उबासी लेता चाँद
बदलियों से
गप्पें लड़ा रहा था
पूस की रात लम्बी थी
और सूरज की तबीयत
कुछ बहकी सी
आज सितारों की महफ़िल
देर तक चलने वाली थी
जवां सर्द हवाएं
कानाफूसी कर रहीं थीं
निशाने पर थी
अलाव सेंकते उस जोड़े के
कंपकंपाते हाथों में
दिलकश अदाएं दिखाती
वो एक प्याली चाय !
अचानक मिठास की डली
धुंए के आगोश में ठुमकती
उस पार चली
चाँद ने हैरां हो
पलकें झपकाईं
सितारों की हंसी
थोड़ी और खिल आई
सर्द हवाओं ने
गर्माहट की पहली चुस्की
होंठों से लगाई
ज़मीं से आसमां का सफर
पल भर में तय करती
वो एक प्याली चाय
जाने कितनों के चेहरे पर
मुस्कुराहट ले आई
सुना है, इश्क़ की तासीर
बड़ी मीठी होती है… अनुपमा सरकार
इस कविता को आप youtube channel मेरे शब्द मेरे साथ पर भी सुन सकते हैं। नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
एक प्याली चाय
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