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टैगोर

प्रिय कवि/लेखक/कलाविद टैगोर का जन्मदिवस हो और पाठकों की वॉल उनकी कविताओं से न सजी हो, ऐसा सम्भव ही कहां…

पर मुझे तो रबि दा की स्केचिंग उनके शब्दों से भी कहीं ज़्यादा भाती है… भाव संप्रेषण शब्दों पर निर्भर कहां.. मन में उठती तरंगें, अक्सर रंगों और सुरों में ही सध जाया करती हैं.. बहरहाल रोबी दा के बनाए कुछ स्केचेस आपके साथ शेयर कर रही हूं..

 

 

 

कभी बहुत दिल से लिखा था इनके बारे में.. चाहें तो इस लिंक पर पढ़ सकते हैं नहीं तो उनका जादू महसूस करने के लिए तो खैर ये चित्र ही काफी हैं 🙂

Rabindranath Tagore: A Soulful Painter

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