Nano fiction

Short poems

  1. नमी आँखों में भली न लगे
    हंसी लबों से चहक के कहे
    गमों की फ़ेहरिस्त गर लंबी हो जाए
    तोड़ो मरोड़ो हवा में उड़ा दो जनाब

2.       उदासियों को इतना भी खबूसूरत मत बनाओ.. हंसी शरमा जाएगी ?

3.       आसमां का नीला सागर में घुल

मछलियों का मीत हो चला

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बंसी बजाते कृष्ण उतरे नदिया में

बत्तखों का झुण्ड सम्मोहित हो चला

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4.      न नख न पंख

न नभ न थल

न मानव न मीन

अधीर त्रिशंकु

जल विलीन

 

5.     छोटी सी गिरह थी
खींचतान में कितनी उलझ गई
यूं न संभलेगी!

एक छोर से दूजे छोर तक
धीमे-धीमे संगवानी होगी
धागे की हर कड़ी!

वरना बैठे रहो यूं ही
कलफदार कुरते में अटकाए
वो मुई सुई!

6.     मरीचिका
शायद जीवन का
सच भी झूठ भी
जीने की आस भी
मरने का अहसास भी

7.    सपनों की स्याही में डुबो वक्त की कलम
ये आंखें रचती हैं कोई ख्वाब नया
ज़िंदगी की राह कारी उजरी ही सही
मिलेगी मंज़िल गर होंसला हो जवां

 

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