हौले से मैना मुस्काई
कोयल भी ज़रा सी शर्माई
तितली भंवरे फूलों से कहें
आ फागुन के गीत हम मिलके बुनें
आमों की कच्ची कलियां चुनें
सेमल की पत्तियों को हम गिनें
वो उड़ती चीलें अलबेली
वो डरती सहमी गिलहरी
हाथों में हाथ जो थाम लें हम
छोड़ें न साथ तुम्हारा सनम!अनुपमा सरकार
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