Hindi Poetry

सनम

हौले से मैना मुस्काई
कोयल भी ज़रा सी शर्माई
तितली भंवरे फूलों से कहें
आ फागुन के गीत हम मिलके बुनें
आमों की कच्ची कलियां चुनें
सेमल की पत्तियों को हम गिनें
वो उड़ती चीलें अलबेली
वो डरती सहमी गिलहरी
हाथों में हाथ जो थाम लें हम
छोड़ें न साथ तुम्हारा सनम!अनुपमा सरकार

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