विश्व पुस्तक मेले 2018 में 09 जनवरी को मेरे दो साझा संग्रह “शब्दों की अदालत में” और “परदे के पीछे की बेखौफ आवाज़ें” परिवर्तन संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम रूबरू में लोकार्पित हुए।
दोनों ही संग्रहों में मेरी पांच पांच कविताएं हैं व ये साहित्य संचय प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं।
एक झलक
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