कितने गहरे हो तुम
सागर से विशाल
अपने तल में जल की
विस्तृत इकाई समेटे
और मैं
बस एक रेत का कण
लहर के स्पर्श तक ही
शायद पहुँच मेरी
गहराईयों महसूसने के
लायक भी नहीं !
Anupama
कितने गहरे हो तुम
सागर से विशाल
अपने तल में जल की
विस्तृत इकाई समेटे
और मैं
बस एक रेत का कण
लहर के स्पर्श तक ही
शायद पहुँच मेरी
गहराईयों महसूसने के
लायक भी नहीं !
Anupama
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