ढेरों शब्द गूंजते हैं
परिभाषाएं लोटपोट होने लगतीं हैं
राह पर फिसलते संभलते
यकायक ठहरती हूँ
आँखें मूँद लेती हूँ दम साध
जीवन का मौन हाथ थाम लेता है
अब सब शांत है
Anupama
ढेरों शब्द गूंजते हैं
परिभाषाएं लोटपोट होने लगतीं हैं
राह पर फिसलते संभलते
यकायक ठहरती हूँ
आँखें मूँद लेती हूँ दम साध
जीवन का मौन हाथ थाम लेता है
अब सब शांत है
Anupama
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