Hindi Poetry

पंछियों

पंछियों का चहकना
फूलों का महकना
सूरज का कसमसाना
बादलों का गुर्राना
घास का लहकना
डाली का चटकना
धुप की गोलियों का
पत्तियों पे फिसलना
ओस की बूंदों का
मोती सा चमकना
और उस लम्बी सी
पगडंडी पे इक
गूंजती सी आवाज़!
सुनो! दिन कितना
खुबसूरत है न आज!!
Anupama

Leave a Reply