पलकों की छाँव से देखा जो उसको तो
दिल हाय! हमने ये हारा !!
भंवरा अनजाना था थोड़ा दीवाना था
बागों में फिरता आवारा !!
कलियों ने सींचा था बादल सा भीगा था
परियों के दिल का शहज़ादा !!
मस्त पतंग सा वो उड़ता गगन में ज्यों
हो इक झिलमिल सितारा !!
चन्दा की नगरी में अधजल गगरी में
नन्हा सा दीप वो प्यारा!!
देखा जो उसको तो पलकों की छाँव से
दिल हाय! हमने ये हारा !!
Anupama
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