Hindi Poetry

केवल तुम

श्याम मेघ के शीर्षपटल पर
स्वर्ण रेख-से उज्ज्वल हो
आंदोलित सागर के तट पर
श्वेत मौक्तिक-से निर्मल हो
कठोर धरा के उर्वर पट पर
नव अंकुर-से कोमल हो
मानस-कल से हृदय-तल तक
केवल तुम ही अंकित हो
केवल तुम ही अंकित हो !
Anupama

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