मायूसियों का धुँआ चाँद को छिपा सकता है.. बुझा नहीं सकता… रेतीली आंधियां पल भर को दिशा भ्रमित कर सकती हैं.. जीवन भर के लिये भटका नहीं सकतीं… नीरसता उदास काँटों सी कचोट भले ले… गुलाबों की महक छीन नहीं सकती… मानव मन की जिजीविषा अमर है और रहेगी… क्षणभंगुर नीरवता कभी कालजयी नहीं होती~ महको चहको गरजो बरसो बस ठहरो नहीं~
Anupama
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