Hindi Poetry

मन के विचार

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मन के विचार लिखने में कितने सरल
बस सोचते जाओ कलम चलाते जाओ
एक दिल से निकल सीधे
दूसरे दिल में प्रवेश करते।
बिन कहे ही कितना कुछ कह जाते।
शायद कोई अनदेखा संबंध है
हम मानवों में अनबूझा समझने का
या फिर बचपन में पी उस
घुट्टी में ही कुछ खास था
मन के मनकों को जोड़ डाला।
Anupama

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