मन भर रो लेने के बाद हँसना बेहद आसान है..आप इंतज़ार करते हैं उस पल का जब कोहरे में पहली किरण चमके और आप ऊर्जा से भर जायें… कली गुलाब में आये और खिल आप जाएँ.. मेंढकों की टर्र टर्र, भँवरों की गुंजन में संगीत उनका हो, पर गुनगुनाहट आपके लबों पर इतराये…. पीपल की पत्तियाँ, चंचल हवा संग नर्तन करें और झूम आपके कानों की बाली जाये… मिट्टी की खुशबू, कीचड़ का गीलापन, जाड़ों की धूप, गर्मियों की तपिश… पत्तों का झड़ना, तितलियों का उड़ना, पंछियों का चहकना, फूलों का महकना… पल पल बदलती ऋतुएं, सांस सांस बहकती ज़िन्दगी… आप इंतज़ार करते हैं उन पलों का जब बचपन में बिछुड़ी सखियां गलबहियां डालें.. लाल लाल गाल, काली काली आँखों में ढेरों सपने सँजोये, पींगें बढ़ायें… और बौराए अमरा से लहक आप जायें… जब पहाड़ हो सामने, तो छोटे छोटे कंकड़, अवरोध नहीं, खेल का सामान लगते हैं, उन्हें ऊंचा उछाल, आप ठठाकर हंस लेते हैं… मन भर हंस लेने के बाद जीना बेहद आसान है…
Anupama
#fursatkepal
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