Hindi Poetry

लाली

मैंने कहा सूरज गुलाबी, तुमने कहा नहीं सुनहला
मैंने कहा झील पीली, तुमने कहा, न न, नीली
मैंने कहा चाँद हरा, तुमने कहा, नहीं रे लाली!!

मैंने आँखें तरेरी, होंठ दबा कर कहा, हवा रंगीली,

इस बार तुम चुप थे…
झोंकों में मेरा अक़्स ढूंढते…
Anupama

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