Hindi Poetry

ख़्वाबों की नगरी

आ चल मेरे साथ
ख़्वाबों की नगरी
जहाँ
वक़्त बेसब्र नहीं
बस खुशनुमा है
सोच की उड़ान
ख़्यालों से ऊंची
हौंसले जवां हैं
उफ़क़ पार
अब्र परे
कर यकीं
सच ऐसा
इक जहां है 🙂
Anupama

Leave a Reply