अच्छा लगता है कभी कभी
यूं ही खिड़की में खड़े होना
उन पेड़ों को हर झौंके के
साथ लहराते देखना
वो मैना का चहकना
कोयल का कूकना
गौरैया का फुदकना
चीलों का चीखना
इन सब आवाज़ों में
जीने की गूंज सुनाई देती है न !
Anupama
अच्छा लगता है कभी कभी
यूं ही खिड़की में खड़े होना
उन पेड़ों को हर झौंके के
साथ लहराते देखना
वो मैना का चहकना
कोयल का कूकना
गौरैया का फुदकना
चीलों का चीखना
इन सब आवाज़ों में
जीने की गूंज सुनाई देती है न !
Anupama
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