कार्यालय में आदेश आया कि 14 सितम्बर को हिंदी में ही कार्य करें व अपने सहकर्मियों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें… मेरी सहज हृदया पटु वक्ता चंचल चपल सखी ने झट प्रश्न दागा.. File को कैसे लिखूं सर… नाक पर चश्मा टिकाते, धीर गम्भीर अधिकारी तपाक से बोले फ को आ की मात्रा, छोटी इ और ल….
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बेचारी संचिका दबे होंठों से, सकुचाई हिंदी को ढांढस बन्धा रही थी… मुझ तुच्छ को भूल गए तो क्या, लिपि तो देवनागरी ही है…
हैप्पी हिंदीदिवस 🙂
अनुपमा
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