आज से ठीक एक साल पहले, सकुचाते घबराते, अपनी कविताओं को youtube पर videos के रूप में लाने का फैसला लिया था.. मेरा हमेशा से मानना रहा कि कविताएं मन के किसी गहरे कोने से उभरती हैं.. और पढ़ने और सुनने के दौरान पाठक और श्रोता के मन पर ही अंकित हो जाया करती हैं.. सो देर सबेर इन कविताओं को पन्नों से उबरकर सबके बीच आना ही था, इसी की पहली कोशिश की “मेरे शब्द मेरे साथ” में, अपने youtube channel पर..
बात से बात बढ़ी, viewers का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला.. और मैंने इस चैनल पर अपने प्रिय कवियों की रचनाओं को भी सम्मिलित कर लिया, आखिर पठन के बिना लेखन तो अधूरा ही ठहरा…
https://www.youtube.com/channel/UC2ffcHmFyOYo-uvMaVPo1AQ
और फिर फैसला लिया, जो भी खुद समझा, सीखा, उसे साथियों के साथ बांटने का.. इस श्रृंखला में “लेखन की शुरुआत कैसे करें”, मेरा पहला क्रिएटिव राइटिंग वीडियो रहा और बहुत ही सफल भी..
ऐसा नहीं कि बहुत कुछ जानती हूं, पर हां, ये ज़रूर मानती हूं कि किसी भी क्षेत्र में शुरुआती दौर में कदम रखते हुए, हम सबको किसी ऐसे की तलाश होती है, जो उन रास्तों से गुज़र चुका हो, अपने अनुभव हमसे बांट सकता हो..
तो बस यही किया, अपने मन की बात, खामियां, खूबियां, आप सबके साथ बांटी.. और बदले में ढेर सारा प्यार और दुआएं बटोरी..
आज Mere Shabd Mere Saath का ये छोटा सा प्रयास, 1860 सब्सक्राइबर्स और 61000 से ज़्यादा views लिए, अपने नन्हे नन्हे कदमों पर गिरता संभलता, साल भर का हो चला है.. और मैं मन्द मुस्कान लिए, इसकी ऊंगली थामे, हौले हौले अपने नियत पथ पर अग्रसर हूं.. फ्रेंड्स, सब्सक्राइबर्स, व्यूअर्स का साथ, इस सफ़र में मेरी ताकत रहा है और सबसे बड़ी उपलब्धि भी.. आपके बिना ये सफ़र अधूरा है.. जुड़े रहिएगा.. “मेरे शब्द मेरे साथ” की पहली सालगिरह आप सबको बहुत बहुत मुबारक..
Anupama Sarkar
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