चूड़ियों की खनक हुई बावरी
चांदनी रातें बेसबब नहीं आतीं
गुनगुना रही अलमस्त हवा
काली घटाएं बाज़ नहीं आतीं
जादू सा घुला है फिज़ा में
खामोश सदाएं शोर नहीं मचातीं
समेट ले, नशीली सौगातें ‘अनु’
फलक से सितारियां रोज़ नहीं आतीं !!
Anupama
चूड़ियों की खनक हुई बावरी
चांदनी रातें बेसबब नहीं आतीं
गुनगुना रही अलमस्त हवा
काली घटाएं बाज़ नहीं आतीं
जादू सा घुला है फिज़ा में
खामोश सदाएं शोर नहीं मचातीं
समेट ले, नशीली सौगातें ‘अनु’
फलक से सितारियां रोज़ नहीं आतीं !!
Anupama
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