Chhalaang, Movie
कुछ फिल्में अपने डायलॉग से जानी जाती हैं तो कुछ के डायलॉग ही मूवी की कहानी बयां कर देते हैं… “चौड़ भी न औकात देखकर रखनी चाहिए… 70 का बन्दा, 150 किलो की रखेगा तो बोझ से दबेगा ही” 🙄🙄 अजब सी है न लाइन और अब इसे इमेजिन कीजिए […]
लाइफ और लूडो बिल्कुल एक जैसे हैं… हर गोटी का अपना ही रास्ता और उस पर आने वाली मुश्किलें और फ़ायदे भी उसके बेहद निजी… और फिर खेल तब तक ख़त्म नहीं, जब तक हर गोटी घर न पहुंच जाए… जी, एकदम नया कॉन्सेप्ट, बिल्कुल नई कहानी और काफ़ी मज़ेदार […]
क्रूरता का नंगा नाच देखना हो तो इंसान के सामने लालच की एक बोटी लटका दीजिए, वह सारी मानवता भूल कर, बड़े से बड़े पाप को करते हुए असीम प्रसन्नता और संतोष अनुभव करेगा। और किसी भुलावे में मत रहिएगा, यह लालच अक्सर आपसी रिश्तों पर ही सबसे ज़्यादा हावी […]
Sarbjit, another biopic after Shakuntala, though I am late in discovering this movie. It was released in 2016 and available on prime for a long long time. But, one way or the other, it kept sliding out of my watch list. And, now after four years, I have finally watched […]
ज़िन्दगी में अक्सर हम बिल्कुल वैसे ही बन जाते हैं, जैसे हम नहीं होना चाहते। जिन बातों से हमें चिढ़ होती है, जाने अनजाने उन्हीं में उलझते हैं। जैसे लोग हमें नहीं भाते, वही हमसे बार बार टकराते हैं। और याद कीजिएगा वो चेहरा, वो व्यक्तित्व, वो अवगुण, जिनसे आप […]
कहानियों की एक विशेषता है कि वो अपने पाठक खुद ढूंढ लिया करती हैं। हमेशा से मानती अाई हूं कि हम किताबों तक नहीं, बल्कि किताबें हम तक पहुंचा करती हैं। किसी न किसी माध्यम, किसी न किसी रूप में, आहिस्ता से हमारे जीवन में प्रवेश करती हुईं। सो, कल […]
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