ऊंचा आसमां
आसमां यकायक बहुत ऊंचा हो गया है दूर कहीं फलक पर सूरज चमक रहा है। बादल भी छितरे से हैं कहीं गहरे नीले तो कहीं धुंधलाए से सफेद जैसे स्याही की शीशी उड़ेल दी हो किसी अनाड़ी ने। क्षितिज पर लिखे अक्षर मिट से गए हैं क्या मालूम कभी कुछ […]
आसमां यकायक बहुत ऊंचा हो गया है दूर कहीं फलक पर सूरज चमक रहा है। बादल भी छितरे से हैं कहीं गहरे नीले तो कहीं धुंधलाए से सफेद जैसे स्याही की शीशी उड़ेल दी हो किसी अनाड़ी ने। क्षितिज पर लिखे अक्षर मिट से गए हैं क्या मालूम कभी कुछ […]
No matter, how many poems I compose or stories I write, as a creator, it gives me immense pleasure to see my work in printed form. Books make me nostalgic, they drive me down memory lanes and when they happen to have my own work, the magic doubles. On July […]
ये मन कभी-कभी अनजाने ही आप कुछ लोगों के बेहद करीब आ जाते हैं। खास जगह बन जाती है उनकी आपकी ज़िंदगी में। और कभी बस यूं ही किसी से इतने परेशान कि सामने आना दूर की बात, समय-असमय हुआ टकराव भी चुभने लगता है। किस पर मढ़ें दोष? उन […]
ख़ुशी ये खुशी भी न बड़ी मनचली है। जितना इसे हासिल करने की कोशिश करो, उतनी ही तेज़ी से दौड़ जाती है। आपको हंसी की वजह देने के बजाय आप पर खिलखिलाती, मज़ाक उड़ाती सी नज़र आती है। जानती है न कि इंसान भोले मन से मज़बूर है दुखों की […]
पसीना बहा सफेद पन्नों पर नज़्में नहीं लिखी जातीं न किसी की खिल्ली उड़ा गज़लों में जान आती है जज़्ब करने पड़ते हैं आंसू खून जलाया जाता है नासूर से गलती हड्डियों से टपकता मवाद खूबसूरत परतों में सहेज लफ्ज़ों में सजाया जाता है तब उभरती है कागज़ की ज़मीन […]
कड़कड़ाती बिजली गड़गड़ाते बादल झमाझम बरसता निर्मल जल और कहीं लुका-छिपा सा सूरज खूबसूरत है दिन आज! इन मेघों को खूब कोसा है मैंने उलाहने भी दिए हज़ार आते जाते जाने कितनी बार देखा मुड़कर किया इंतज़ार पर क्षितिज को छूने की शिखर पर चढ़ने की ललक में अनदेखा भी […]
आज फिर से उन्हीं गलियों से सामना हुआ। वही घूमती सड़कें, वही झूमते पेड़ और वही बूढ़ी अम्मां ! मेरा इस जगह से परिचय काफी पुराना है। एक समय था जब रोज़ यहाँ से गुज़रा करती थी। घंटे भर का सफ़र होता था घर से दफ्तर का। बस यूं ही […]
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