मेट्रो
बिजली की रफ्तार से भागती मेट्रो में बैठी थी मैं चुपचाप भीड़ का हिस्सा फिर भी अकेली कुछ कुछ उदास। नज़र घुमाइ मैंने इक बार जानने को औरों का हाल हर चेहरे पर पाई वही शून्यता खालीपन का अहसास। यूं तो हर पल सूकुन ढूंढते हैं हम तथाकथित भोगी दास […]
बिजली की रफ्तार से भागती मेट्रो में बैठी थी मैं चुपचाप भीड़ का हिस्सा फिर भी अकेली कुछ कुछ उदास। नज़र घुमाइ मैंने इक बार जानने को औरों का हाल हर चेहरे पर पाई वही शून्यता खालीपन का अहसास। यूं तो हर पल सूकुन ढूंढते हैं हम तथाकथित भोगी दास […]
यूं ही बेवजह चलती मेरी जिंदगी में कुछ दिन पहले इक नया मोड़ आया खुशियों की बरसात औ सफलता की नयी सीढ़ी भी साथ लाया। जिस पे बस मुझे आंखें बंद कर इक कदम रखना था बिना सोचे समझे छोटा सा संकलप लेना था। आश्वासन थे कि ये इक नया […]
Recent Comments