Hindi Poetry

कविता की खोज

कविता की खोज

व्यग्र हो ढूंढते हैं वे कविता शब्दों को छांटते हुए बिंबों को छानते हुए सधे परिमाणों बंधे प्रमाणों तंग खांचों में भावों को ढालते हुए… शब्द शब्द की विवेचना अर्थ अनर्थ की विभेदना तुष्ट कर नहीं पाती भावना की आलोचना हो भी क्योंकर पाती! उलटते पलटते पृष्ठों को वे ढूंढ […]

by June 11, 2021 Hindi Poetry
वो वक़्त कुछ और था

वो वक़्त कुछ और था

वो वक़्त कुछ और था ज़मीं के बाशिंदें नहीं थे ये बालिश्त भर ऊंची सब्ज़ शाखों पे सुर्ख फूलों के बीच सरसराते थेे नशीली हवा की चुहलबाज़ी परिंदों की दिलकश हंसी और ओस की बूंदों में नहाई नई नवेली सुबह आह ! वो वक़्त ही कुछ और था माहौल में […]

by May 25, 2021 Hindi Poetry
नवजीवन

नवजीवन

मेरे शब्द मेरे साथ पर अनुपमा सरकार की कविता “नवजीवन” At advent of 2021, Anupama Sarkar welcomes the New Year with an ode to humanity and new life in her poem Navjeevan नन्हीं सी बारिश की बूँद में उफनता समन्दर देखा है कभी ? मिट्टी सने बीज की कोख में […]

by January 3, 2021 Hindi Poetry, Recital

प्रेम परिभाषा

प्रेम इस छोटे से शब्द को परिभाषित करना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है आप कह भर दें कि मुझे “तुमसे” प्रेम है कि बस “तुम” का होना, उसका होना रह ही नहीं जाता क्षण भर में परिवर्तित हो जाता है “मैं” और “तुम” एक “हम” में केवल व्याकरण की […]

by July 18, 2020 Hindi Poetry

पुल

अजब है ज़िन्दगी किसी के लिए हम पुल तो कोई हमारे लिए पुल कितने पुल पार हुए कितनी बार पुल बनकर बदहाल हुए किसी को याद भी नहीं वैसे भी याद रह जाए तो चुभन होती है ख़ुद पर से गुज़रते बूटों की ठक ठक कहीं अंदर तक भेद जाती […]

by July 18, 2020 Hindi Poetry
नीरवता

नीरवता

गहराने लगी है नीरवता उदासी भी जमने लगी है मौन, एकांत, अकेलापन ये शब्द पर्यायवाची हैं या भिन्न मन को अंतर स्पष्ट करने की न व्यग्रता शेष न जिज्ञासा अर्थ का अनर्थ, अंत का होना अनन्त अब उद्वेलित नहीं करता प्रकृति के प्रहरी आंदोलित करने में असक्षम हो चले हैं […]

by May 9, 2020 Hindi Poetry
बातें, बाबा नागार्जुन

बातें, बाबा नागार्जुन

बातें / नागार्जुन बातें– हँसी में धुली हुईं सौजन्य चंदन में बसी हुई बातें– चितवन में घुली हुईं व्यंग्य-बंधन में कसी हुईं बातें– उसाँस में झुलसीं रोष की आँच में तली हुईं बातें– चुहल में हुलसीं नेह–साँचे में ढली हुईं बातें– विष की फुहार–सी बातें– अमृत की धार–सी बातें– मौत […]

by April 28, 2020 Hindi Poetry, Recital

दीवानी

सुनिए मेरी कविता दीवानी, मेरे शब्द मेरे साथ पर ये सरसराती सर्द हवा जब करीब से गुज़रती है जाने क्यों अपनी सी लगती है न बहने का खौफ इसे न थमने से डरती है ऊपर नीचे आगे पीछे पंख फैलाए आंखें मीचे उन्मुक्त गगन में इठलाती है सबसे जुड़ती सबसे […]

by April 9, 2020 Hindi Poetry, Recital