Fursat ke Pal

प्यार या परवाह

प्यार या परवाह

कुछ समय पहले Forrest Gump देखी थी, टॉम हैंक्स जो भी किरदार निभाते हैं, इतनी शिद्दत से उसे स्क्रीन पर उतारते हैं कि आप कहानी को सच समझ बैठें, और उस किरदार के साथ आने वाली परेशानियों और खुशियों में शामिल हो जाएं.. बस यही हाल मेरा था, जब जब […]

by January 16, 2018 Fursat ke Pal, Kuch Panne
सितारों की पालकी

सितारों की पालकी

काश किसी रोज़ बादलों की मखमली चादर ओढे़ देर तक सोती रहती। सूरज अपनी चिलमिलाती धूप को बरगद की छांव में छिपा कर, दबे पांव किरणों का इंद्रधनुष अपनी हथेलियों में समेटे, मेरे करीब आता। गुलाब की पंखुडियां नशीली हवा में झूमती, हौले से पांवों में गुदगुदी करतीं। ओस की […]

by December 10, 2017 Fursat ke Pal, Kuch Panne
सर्दियों की इक सुबह

सर्दियों की इक सुबह

सर्दियों की सुबह, धुंध का घूंघट औढ़े, शर्माती नवयौवना सी, धीमे धीमे मेरे आंगन में उतर आती है.. हवा में हल्की ठंडक है.. शाल को कसकर लपेट लेती हूं.. मुंह से धुआं छोड़ने का प्रयास अभी कामयाब होता नहीं दिखता.. पर बाहों पर उभरते रोंगटे अहसास दिलाते हैं कि गुलाबी […]

by November 21, 2017 Fursat ke Pal
निमिष

निमिष

शाम के शानों पर उसे ढुलकते देख, मन पुलकित हो उठता है… जब वो नकचढ़ा सूरज, थका मांदा, धीमे धीमे घर को निकलता है… मैं मंत्रमुग्ध सी उसके साथ हो लेती हूं.. ढूंढ़ ढूंढ़ लाती हूं चंदन की बाती… मधुर मुस्कान अधरों पर सजाए, बालती हूं, संध्या की प्रीत… सुरभित […]

by November 15, 2017 Fursat ke Pal
सुबह का सूरज

सुबह का सूरज

सुबह का सूरज उम्मीद के पंख लिए आता है… रात की कालिमा को भोर की लालिमा से हरता… पंछियों के गुंजन से सुप्त चेतना को धीमे से जागृत कर.. बदलियों की टुकड़ियों के ठीक पीछे, हौले से मुस्काता.. हल्दी का टीका, माथे पर धर, बांका सूरज… चला है रात रानी […]

by August 10, 2017 Articles, Fursat ke Pal, Kuch Panne
समझ

समझ

इस वीकेंड में दो डाक्यूमेंट्रीस देखीं.. She Wolves और King Henry VIII पर…मन खिन्न था कि राजा रानी के मायावी संसार किस कदर खोखले होते हैं, और मानव कितने क्रूर और नृशंस.. Matilda का क्वीन बनते बनते रह जाना, Eleanor का अपने ही पति के खिलाफ बगावत कर जाना, Henry […]

by July 25, 2017 Fursat ke Pal
सुबह सुबह

सुबह सुबह

सुबह सुबह बारिश की बूँदें झिलमिलाती सी आँगन में उतर आएं तो माहौल में एक अलग ही ताज़गी अनुभव होती है। धुले से पत्ते और पंख समेटे शाखों पे बैठे मासूम से पंछी, नवजीवन के स्वागत पटल पर झूमती रंग बिरंगी लड़ियों से लगते हैं मुझे। सच अजब हैं ये […]

by July 9, 2017 Articles, Fursat ke Pal
Reign

Reign

राजा रानी, बचपन से ही अजब लगता था, इनकी कहानियां सुनना, एक ऐसे संसार की कल्पना करना, जहां सब कुछ आपकी मर्जी से हो, आप न कहें तो पत्ता तक न हिले.. नौकर चाकर चौबीसों घण्टे हुक्म बजाने को हाज़िर हों.. आपके खाने,पहननेे, मन बहलाने को सारी दुनिया कदमों तले.. […]

by July 9, 2017 Articles, Fursat ke Pal