दिल्ली सरकार का एक प्रस्ताव है, बस और मेट्रो में स्त्रियों के लिए मुफ़्त यात्रा का.. इसी विषय में मेरे कुछ विचार
“एक लंबे समय से राखी और भाई दूज पर डीटीसी बसों में स्त्रियों के लिए मुफ्त यात्रा का प्रावधान रहा है.. इसका फ़ायदा यकीन मानिए कि उन्हीं औरतों को सबसे ज़्यादा होता है, जिनके लिए घर से बाहर निकलने का मतलब, फिजूलखर्ची माना जाता है.. आपको बात अटपटी लग रही होगी, पर मैंने नवरात्रों से लेकर दीवाली तक जैसे त्योहारों में आम घरों की औरतों और उनके नन्हे मुन्नों के चेहरे पर मुस्कान दौड़ती देखी है, सिर्फ और सिर्फ इसलिए कि आज वो एसी बस या मेट्रो जैसी सवारी में सफ़र कर पाएंगें..
आपके, मेरे लिए, शायद ये बात मायने नहीं रखती.. पर घर में रहने वाली, पति की कमाई पर डिपेंड करने वाली और जी तोड़ मेहनत करके थोड़ा सा पैसा कमाने वाली salesgirl से लेकर फैक्ट्री या ऑफिस वर्किंग वुमन के लिए ये बातें बहुत मायने रखती हैं..
टैक्स payers का बहुत पैसा, गलत नीतियों और खराब प्लानिंग के वजह से बरबाद किया जाता है, सिर्फ़ फ्री ट्रैवल पर ही इतना परेशान होने की क्या ज़रूरत? हां, शायद दिल्ली सरकार, इसे मेट्रो में लागू करवा न पाए क्योंकि आधी ही भागेदारी है.. पर डीटीसी के लिए तो प्रयास किया जा सकता है.. ज़्यादातर राज्यों में टिकट बहुत कम खर्च की होती है और बाहर के कई देशों में सार्वजनिक परिवहन मुफ्त ही होता है.. हमारे यहां भी स्टूडेंट पास, इसी का एक रूप है, जब मैं पढ़ती थी, तब फ्री ही बनते थे.. सीनियर सिटीजन के लिए भी रियायती पास इश्यू होना इसी का एक और रूप है..
सिर्फ चुनाव के चक्कर में इस बात के लोंग टर्म इफेक्ट को अनदेखा नहीं किया जा सकता.. शुरुआत औरतों से की जा रही है, भविष्य में दिल्ली में सभी के लिए परिवहन, स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएं फ्री ही की जाएं, तो बेहतर होगा..
पर, हां, इसके लिए एक ज़रूरत सब पर समान टैक्स लगाने की भी है.. हर नागरिक के लिए एक परसेंटेज फिक्स की जाए, दर कम हो, पर सब दें.. सरकारी नौकरी में आज peon भी टैक्स देता है, बेहतर हो कि इसे प्राइवेट नौकरियों और दुकानदारों पर भी लागू किया जाए.. सारी वसूली एक ही क्लास से मत कीजिए और न ही सारी सुविधाएं एक ही क्लास को दीजिए..
साथ ही सरकार प्राइवेटाइजेशन के बजाय गवर्नमेंट जॉब्स की संख्या में बढ़ोतरी करे.. अच्छा रोज़गार दीजिए, सुविधाए दीजिए, लोगों को बेहतर ज़िंदगी जीने का अधिकार है, कोई कब तक पैसे पैसे बचाते ज़िंदगी काटेगा.. एक साथ सबका विकास कीजिए, सही प्लानिंग की ज़रूरत है बस, रिसोर्सेज की कमी नहीं.. अनुपमा सरकार”
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