भीनी सी खुशबू महकी कहीं
यादों का बगूला बहकने लगा
गुलमोहर की पाक पनाह में
झूलती नन्हीं सुनहली कलियाँ
खामोश सहर रुकी सदाएं
झुकी सी पलकें ख्वाब सजाएं
जाने साज़िशें क़ायनात की
या बस इक आहट तेरे आने की
Anupama
भीनी सी खुशबू महकी कहीं
यादों का बगूला बहकने लगा
गुलमोहर की पाक पनाह में
झूलती नन्हीं सुनहली कलियाँ
खामोश सहर रुकी सदाएं
झुकी सी पलकें ख्वाब सजाएं
जाने साज़िशें क़ायनात की
या बस इक आहट तेरे आने की
Anupama
Recent Comments