Hindi Poetry

भीनी सी

भीनी सी खुशबू महकी कहीं
यादों का बगूला बहकने लगा
गुलमोहर की पाक पनाह में
झूलती नन्हीं सुनहली कलियाँ
खामोश सहर रुकी सदाएं
झुकी सी पलकें ख्वाब सजाएं
जाने साज़िशें क़ायनात की
या बस इक आहट तेरे आने की
Anupama

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