Hindi Poetry

भीगा भीगा सा दिन

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भीगा भीगा सा दिन, भागा भागा सा मन
ढका ढका आसमां, चले महकी पवन!

वो दौड़ा गिल्लू, दिल करे छू लूँ
छुपी छुपी मैना, तरसे मेरे नैना
भीगा भीगा सा दिन, भागा भागा सा मन!

छाए काले मेघा, बिखरे स्वर्णिम छटा
छिपा सूरज उनमें, बरसे ये घटा
उड़े उड़े बादल, लहके ये तन!

भीगा भीगा सा दिन, भागा भागा सा मन
ढका ढका आसमां, चले महकी पवन!!
Anupama

 

 

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