Fursat ke Pal

भाषा का भाव

अक्सर भावों को भाषा में ढालने का प्रयास करती हूँ पर आज भाषा का भाव समझने का मन हुआ। वैसे बचपन से ही भाषाओं की रंगबिरंगी दुनिया मुझे गणित और भूगोल की तिरछी गलियों से कहीं ज़्यादा भाती थी। बेहद सजग होती थी शब्दों के सही इस्तेमाल को लेकर। शायद सातवीं कक्षा में थी जब फूलों को सुखाकर हरबेरियमबनाने का होमवर्क मिला था। घर में पौधों की कमी न थी, सामने खुला पार्क भी था और कुछ ही दूरी पर नर्सरी भी, पर मुश्किल था तो बस उन फूलों के स्थानीय और वैज्ञानिक नामों को पता करना। उन दिनों इंटरनेट तो था नहीं जो झट गूगल देवता की शरण में चले जाते। मेरे बालमन ने तिकड़मलगाई और पार्क के माली से उनके नाम जानने की जुगत में भिड़ गया।

पर जानते हैं, उस दिन पहली बार भाषा की विविधता से आमना-सामना हुआ मेरा। माली काका आत्मीयता से दहलबा, केंडलबा और बूगनबा से मेरा परिचय करवा रहे थे और मैं मन ही मन सोच रही थी फेल करवाएंगें ये तो। खैर, कमान आखिरकार मम्मी पापा ने संभाल ली थी और एक किताब की मदद से वो होमवर्क पूरा भी हो गया। पर उसके बाद से जाने-अनजाने भाषा और उच्चारण को नोटिस करने लगी। और लाइन लग गई मेरे सामने ब्रिटानिया को बरतानिया, इर्विन को अरबन, गुड डे कैशू को प्यार से केसवा बिस्कुट कहकर पुकारने वालों की। नौकरी पर आई तो इन्क्रीमेंट को एग्रीमेंट, एरिअर को एरिअल और ईस्टाब्लिशेमेंट को असीटाबेसमेंट लिखने वाले भी दिखने लगे।

कई बार हंसी छूट जाती तो कभी हल्के से सही बोलने को प्रेरित भी करती उन लोगों को। पर जब से मैंने लिखना शुरू किया, दृष्टिकोण बदलने लगा, खुद की सीमाएं पता चलने लगीं। किस तरह जूझना पडता है सही शब्दों को ढूँढने के लिए, इसकी गहराई समझ में आने लगी, खासकर उर्दू, पंजाबी व अन्य भाषाओं के टिपिकल वर्ड्स को लेकर।

अब मेरी बुद्धि ने पाला बदल लिया है, ये अपभ्रंश मजाकिया नहीं लगते बल्कि प्रभावित करने लगे हैं मुझे। इम्पोर्टेड फ्रेज़िस को खुले दिल से अपनाकर उन्हें अपनी बोली में कुछ इस कदर रचा-बसा लेना आसान भी तो नहीं। सृजनशीलता का नायाब उदाहरण लगता है अब इनका समावेश करना, इनका खट्टा-मीठा स्वाद भाने लगा है मुझे। लेखन हो या संवाद,अपनी बात समझा पाना ही महत्व रखता है, भाषा की तिकड़में नहीं, समझने लगी हूँ अब। और फिर यही समझ आता है कि भावनाएं महत्व रखती हैं, उनके चोगे नहीं। आखिर भाषा की डुगडुगी बिन भावों के बजती भी तो नहीं !
Anupama

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