रजाई में बैठी मैं अपने पाँव ठंडे होने से परेशान हो रही थी। दिल्ली में आखिर सर्दी ने ज़ोर पकड़ ही लिया, इस बात की ख़ुशी और शिकायत दोनों ही मैं अमूमन कुछ ज़्यादा करती हूँ। आखिर मौसम का बदलाव इस कवि मन को भाता जो है और व्यायाम से निष्कासन ले चुके तन को कंपकँपाता। पर आज डिस्कवरी और NGC पर BSF और सियाचन के बारे में दो documentaries देखीं। मुझे अब तक Armed Forces में कोई खास दिलचस्पी न रही और न ही कभी उनके बारे में कुछ पढ़ने सुनने की मैंने कोशिश ही की थी। पर आज पल पल खतरों से खेलते, गर्म थार से लेकर सर्द ग्लेशियर तक तैनात इन चौकस जवानों की हालत का अंदाज़ा हुआ। बर्फ की दीवारों और गहरे पानी में अपनी जान जोखिम में डालते ये जांबाज़ किसी सुपरहीरो से कम नहीं। देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते इन सिपाहियों का जज़्बा, मुझे इनका कायल कर गया। देशभक्ति की मिसाल इस से बढ़कर कहाँ !
Anupama
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