Hindi Poetry

भादों जाते जाते

नैनन छलकत नीर
कपाल भयंकर पीर

तुलसी अदरक का काढ़ा
नींबू शहद का मारा

कागज़ कलम से दूरी
हाय ! कितनी मजबूरी
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भादों जाते जाते 🙁

 

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