कभी कभी अच्छा लगता है
फूट फूट कर रो देना
गरम आंसुओं का
गालों पर ढुलकना
होंठों को छू जाना
चखे हैं मैंने
खारे नहीं होते…
Anupama
कभी कभी अच्छा लगता है
फूट फूट कर रो देना
गरम आंसुओं का
गालों पर ढुलकना
होंठों को छू जाना
चखे हैं मैंने
खारे नहीं होते…
Anupama
Recent Comments