Hindi Poetry

आंसू

कभी कभी अच्छा लगता है
फूट फूट कर रो देना
गरम आंसुओं का
गालों पर ढुलकना
होंठों को छू जाना
चखे हैं मैंने
खारे नहीं होते…
Anupama

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