Review

Ajeeb Daastaans, Hindi Movie

बिना एक शब्द बोले, आंखों से सब कह देना, ऐसी एक्टिंग देखे अरसा बीता… Ajeeb Daastaans नाम के अनुरूप ही है, एकदम अजीब, पर फिर भी कुछ था जिसने बांधे रखा… वरना सबसे अच्छी कहानी मिस कर बैठती ‘अनकही ‘ मानव और शेफाली की कहानी, बातों को आंखों से, चेहरे से, भाव से, आंसू से, मुस्कान से कह देने की कहानी… एक प्रेम कहानी, जिसमें किसने धोखा दिया, किसने खाया, कौन कितने फायदे कितने नुकसान में रहा, से कहीं बढ़कर बस एक बात जो चक्करघिन्नी की तरह दिल दिमाग में घूमती रही, वो थी मानव की मुस्कान, शेफाली की उदासी और दो बेहतरीन कलाकारों की अदाकारी!!

बाकी कहानियां ठीक ठीक सी हैं, दूसरी वाली में थोड़ा सस्पेंस भी, पर असल हिट तो सिर्फ लास्ट स्टोरी… शेफाली की फैन हूं, उनकी स्क्रीन प्रेसेंस ही इतनी पावरफुल है कि आप मूवी अधूरी छोड़ नहीं पाते… पर अफसोस यह बात मुझे कभी मानव के लिए महसूस नहीं हुई… अक्सर लगा कि उनका पोटेंशियल निखर कर बाहर आता नहीं… शायद स्टोरी, शायद डायरेक्टर, पर अक्सर कुछ मिसिंग लगा उनकी फिल्मों में, और एक कसक कि कुछ दब दब कर किरदार निभाते हैं वो… पर आज इस शॉर्ट फिल्म ने पहली सारी शिकायतें दूर कर दीं, deaf n dumb हैं इसमें मानव, पर सच कहूं तो उनसे ज़्यादा एक्सप्रेसिव कोई नहीं इसमें, शेफाली भी नहीं… By far Manav Kaul ‘s best and most moving performance… Anupama Sarkar

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