A Rainy Day
तुम अक्सर कहते थे हमारी टाइमिंग मैच नहीं होती। सच भी है.. मैं पूरब हूँ तो तुम पश्चिम। न सोच एक सी न जीने का ढंग। एक जैसे होकर भी कितने जुदा हैं हम। और तो और ये मौसम भी साथ नहीं देता। गर्मी और लू में हुआ प्यार परवान चढ़े भी तो कैसे।
पर देखो न आज क्या रंगीनियाँ छाई हैं चारों तरफ। मद्धम मद्धम हवा चल रही है ..बदलियां गुनगुना रहीं हैं और झूमते पीपल बरगद की ऊंची डालियों पे बैठी कोयलियां मीठे गीत गा रही हैं। आज कुदरत ने कितने प्यार से मेरे तुम्हारे मिलन पर इन चमकती गरजती बरसती बूंदों की मुहर लगा दी। तुम्हें आहट सुनाई दी ?
Anupama
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