Hindi Poetry

प्रेम या देह

प्रेम प्रेम प्रेम रटने वाले
देह देह देह चखने वाले
रचेंगें शब्द बेचेंगें भाव
और फिर
आंखें मूंद, मौन धर
दर्शन की पीठ चढ़
लेंगे एक और कश
खीसें निपोर कहेंगे
स्त्री तुम महान हो
हमारा सम्मान हो
यूं ही बेवकूफ बनती रहना…..
Anupama Sarkar

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