ये भीनी सी खुशबू
ये सीली सी हवा
थिरकते बादल
मचलती बिजलियाँ
बूंदों की फ़ौज का
धरती पे टूटना
फूलों का मचल
शाखों से लिपटना
ये हौली सी बारिश
ये तेज़ तूफ़ान
याद आये मुझे
इक भूली दास्तां
झटपट डाल
चाय में नमक
बेख्याली में घोल
दाल में चीनी
पगली बदली सी
मैं भीगने चली !
Anupama
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