Hindi Poetry

पगली बदली

ये भीनी सी खुशबू
ये सीली सी हवा
थिरकते बादल
मचलती बिजलियाँ

बूंदों की फ़ौज का
धरती पे टूटना
फूलों का मचल
शाखों से लिपटना

ये हौली सी बारिश
ये तेज़ तूफ़ान
याद आये मुझे
इक भूली दास्तां

झटपट डाल
चाय में नमक
बेख्याली में घोल
दाल में चीनी

पगली बदली सी
मैं भीगने चली !
Anupama

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