Hindi Poetry

गृह प्रवेश

मृदंग की थाप
नैवैद्य का थाल
अगर की महक
चन्दन की लहक

प्रेम उन्मादित
स्वर घंटिकाएं
स्नेह आच्छादित
स्वर्ण लतिकाएं

गमकते केश
महकते पुष्प
दहकते नेत्र
ममत्व स्वरूप

अद्वितीय अनुभूति
अलौकिक स्पर्श
चिर प्रतीक्षित माँ
सुमंगल गृह प्रवेश !
Anupama

आप सबको अष्टमी पूजन व रामनवमी की शुभकामनाएं 🙂

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