मृदंग की थाप
नैवैद्य का थाल
अगर की महक
चन्दन की लहक
प्रेम उन्मादित
स्वर घंटिकाएं
स्नेह आच्छादित
स्वर्ण लतिकाएं
गमकते केश
महकते पुष्प
दहकते नेत्र
ममत्व स्वरूप
अद्वितीय अनुभूति
अलौकिक स्पर्श
चिर प्रतीक्षित माँ
सुमंगल गृह प्रवेश !
Anupama
आप सबको अष्टमी पूजन व रामनवमी की शुभकामनाएं 🙂
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