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कस्बे का आदमी, कमलेश्वर

कमलेश्वर की कहानी “कस्बे का आदमी” अभी अभी पढ़ी। छोटे महराज और उनके तोते संतू की कहानी… एक छोटे से कस्बे में रहने वाले, बचपन में ही अनाथ हो, घर द्वार लुटा देने वाले की कहानी!

दो पात्र, शिवराज और छोटे महराज, एक ही गली के दो बाशिंदे,और इनके जरिए पूरी ज़िंदगी का फलसफा सुनाते कमलेश्वर! बहुत कुछ सिमट आया तीन पन्नों में… भोलापन, मजबूरी, मज़बूती,जिजीविषा, बेबसी और निश्छल प्रेम… कमाल किया है कमलेश्वर ने इस कहानी में… कुछ ही पन्नों में बहुत से भाव और रंग भर दिए… अनुपमा सरकार

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